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प्रधानमंत्री आवास योजना का मकसद हर बेघर परिवार को पक्का घर देना है, लेकिन हमारे गाँव में इस योजना का लाभ उन लोगों तक नहीं पहुँच पा रहा है जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। कई शिकायतों के बाद जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो मैंने सूचना का अधिकार (RTI) का इस्तेमाल किया और जो दस्तावेज़ सामने आए वो बेहद चौंकाने वाले थे।
प्रधानमंत्री आवास योजना का मकसद हर बेघर परिवार को पक्का घर देना है। यह एक ऐसी सरकारी पहल है जिससे लाखों गरीबों को उम्मीद है। लेकिन, हमारे गाँव में इस योजना का लाभ उन लोगों तक नहीं पहुँच पा रहा था जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।
कई शिकायतें करने के बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो मैंने सूचना का अधिकार (RTI) का इस्तेमाल किया। मैंने ग्राम पंचायत कार्यालय से प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों की सूची, उनके आवेदन पत्र और स्वीकृत राशि से संबंधित जानकारी मांगी।
जवाब में जो दस्तावेज़ मिले, वह चौंकाने वाले थे। लाभार्थियों की सूची में कई ऐसे नाम थे जिनके पास पहले से ही पक्के मकान थे। कुछ नाम तो ऐसे भी थे जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं था। कागज़ों में यह दिखाया गया था कि उन्हें पहली किश्त जारी कर दी गई है, लेकिन हकीकत में उन पैसों का कोई हिसाब नहीं था।
यह सीधे-सीधे जनता के पैसे का घोटाला था। इस जानकारी को सार्वजनिक करना हमारा पहला कदम है। हम इसे अधिकारियों के सामने रखेंगे और हर एक पैसे का हिसाब मांगेंगे। यह केवल एक गाँव की कहानी नहीं, बल्कि देश के कई हिस्सों में हो रहे भ्रष्टाचार की एक झलक है।
अगर आपके गाँव में भी ऐसी कोई समस्या है, तो आप RTI का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह आपका हक है।